The entertainment: पैसे कमाने के लिए गलत रास्ते पर नहीं जा सकते हैं', गुरु रंधावा ने खोले अपने दिल के राज
गायक गुरु रंधावा बतौर अभिनेता अपने करियर की पारी फिल्म कुछ खट्टा हो जाए से शुरू कर रहे हैं। फिल्म आज (16 फरवरी) सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। गुरु फिलहाल गायकी के साथ अभिनय पर भी ध्यान देने वाले हैं। उन्होंने एक और हिंदी फिल्म साइन कर ली है साथ ही दो और पंजाबी फिल्मों की शूटिंग भी पूरी कर ली हैं।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। कई गायक हैं, जिन्होंने अपनी किस्मत को अभिनय को क्षेत्र में भी आजमाया है। गायक गुरु रंधावा का नाम भी उसमें शुमार हो गया है। बतौर अभिनेता अपने करियर की पारी वह फिल्म कुछ खट्टा हो जाए से शुरू कर रहे हैं।
फिल्म आज (16 फरवरी) सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। गुरु फिलहाल गायकी के साथ अभिनय पर भी ध्यान देने वाले हैं। उन्होंने एक और हिंदी फिल्म साइन कर ली है, साथ ही दो और पंजाबी फिल्मों की शूटिंग भी पूरी कर ली हैं। उनसे बातचीत के अंश।
1. अभिनय के जरिए नई पारी शुरू कर रहे हैं। जोखिम वाला काम नहीं लगता है कि गायकी से मिली प्रसिद्धि कहीं खो न जाए?
अभिनय सीखने के लिए मैंने कई वर्कशाप्स किए हैं। जिन दर्शक ने मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया है, उनको दिमाग में रखते हुए अभिनय के लिए तैयार हुआ हूं। रही बात प्रसिद्धि की, तो वो कहां जाएगी। मैं संगीत और फिल्मों के जरिए लोगों के बीच दिखता रहूंगा। पूरा प्रयास करूंगा कि लोगों को मुझे देखना ही पड़े। इस फिल्म के बाद मेरी अखिल भारतीय फिल्म शाहकोट भी रिलीज होगी। फिल्म की शूटिंग पूरी हो गई है। एक और पंजाबी फिल्म शूट कर चुका हूं। अब ज्यादा फिल्में किया करूंगा।
2. आपने कहा था कि मुझे हीरो नहीं, कलाकार कहलाना पसंद है। आपके लिए कलाकार की परिभाषा क्या है?
-कलाकार की परिभाषा यही है कि आप ग्लैमर की दुनिया से निकलकर वास्तविक दुनिया में जाएं। अगर आप किसी फिल्म में अच्छे नहीं भी लग रहे हैं, लेकिन आपका अभिनय अच्छा है, रोल को निभा पा रहे हैं, तो असली कलाकार हैं। हीरो हमेशा सुंदर दिखना चाहता है। आसपास भीड़ इकठ्ठा करना चाहता है। मैं वो नहीं करना चाहता हूं। कहानी अच्छी होनी चाहिए है, जिससे समाज में बदलाव आए। मैं कम पैसों में भी ऐसी फिल्मों का हिस्सा बनना चाहूंगा।
3. समाज में बदलाव की बात करना एक कलाकार के लिए कितना आवश्यक है?
-मुझे लगता है, जो दर्शक हम कलाकारों को देख रहे हैं, उनके लिए हमें बहुत सतर्क रहना चाहिए। हम फिल्म और विज्ञापन के जरिए किस चीज को प्रमोट कर रहे हैं, वह ध्यान रखना आवश्यक है। हर चीज पैसे के लिए नहीं की जाती है। आप अपने जीवन और करियर में किस स्तर पर हैं, उसको ध्यान में रखकर भी कुछ काम किए जाते हैं। मैं कभी भी शराब, बेटिंग एप्स, गुटखा, तबांकू के विज्ञापन नहीं करता हूं। मुझे देखकर अगर कोई भी बच्चा बिगड़ा, तो मेरी सफलता जीरो हो जाएगी। हम सब को सोचना चाहिए कि पैसे यहीं रह जाएंगे। थोड़े और पैसे कमाने के लिए आप जीवन में गलत रास्ते पर नहीं जा सकते हैं।
4.क्या फिल्म के लिए अभिनय करना, म्यूजिक वीडियो के मुकाबले कठिन रहा?
-नहीं, मैं आत्मविश्वासी हूं। कहते हैं कि 70 प्रतिशत आपका आत्मविश्वास होता है, 30 प्रतिशत आपकी प्रतिभा होती है। मैं इसी अनुपात के अनुसार काम करता आया हूं। आप जब किसी कलाकार को देखते हैं, तो उससे कुछ सीखते भी हैं। मैंने भी बहुत सिनेमा देखा है। उन्हीं किरदारों से सीखकर, इस फिल्म में अभिनय किया है। मैं जैसा वास्तविक जीवन में हूं, उतना ही स्वाभाविक सेट पर भी रहता हूं।
5.आप अक्सर कहते आए हैं कि सफल होने के बाद भी मैं लगातार कुछ न कुछ तलाश रहा हूं। किसकी तलाश होती है?
-खुद के लिए नई चीजें तलाशते रहना, खुद को अपग्रेड करना, अपने आपको महूसस करना की जिंदगी में कोई तीर नहीं मारा है, यह जरूरी है। हर किसी की तरह आप भी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन ईश्वर ने आपको चुना है कुछ अलग काम करने के लिए, तो ‘सिर्फ मैं ही हूं’ वाला अंहकार नहीं आना चाहिए। एक मिनट लगता हैं, सब कुछ खत्म होने में। मुझे नहीं पता है कि संघर्ष क्या होता है, क्योंकि मैं संघर्ष नहीं मेहनत करके नई चीजें तलाशता हूं।
6.किसी भी मौके को झट से अपना लेना आपके लिए कितना मायने रखता है?
-मैंने कहीं पढ़ा था कि आपको पता होना चाहिए कि कब ना कहना है। एक हिंदी फिल्म की कहानी मेरे पास आई थी, जो मुझे पसंद थी। लेकिन फीस को लेकर दिक्कतों के चलते बात आगे नहीं बढ़ी थी। हरियाणा की एक लड़की की वास्तविक कहानी थी, जो मेरे दिमाग से निकल नहीं रही थी। मेरे पास फोन आया था कि फीस की वजह से अगर आप फिल्म नहीं कर पाएंगे, तो फिल्म का संगीत ही बना दीजिए। फिर मैंने पूछा कि फिल्म में हीरो कौन है, तो उन्होंने कहा कि हीरो तलाश रहे हैं। मैंने अपनी टीम से कहा कि अगर किसी हीरो को नहीं साइन किया है, तो मुझे ही लेने बोल दो, मैं कर लूंगा। हाल ही में वह फिल्म मैंने साइन कर ली है। मैंने कहा कोई बात नहीं पैसे कम दे रहे हैं, लेकिन मुझे फिल्म करनी है। मौका सही हो, तो अपना लेना चाहिए।
7. हाल ही में गायक शंकर महादेवन और तबला वादक जाकिर हुसैन को ग्रैमी अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह बात आपको बतौर गायक किस तरह से प्रेरित करती है?
-मुझे लगता है कि जो लोग संगीत जगत में 10-15 साल से लगातार काम कर रहे है, वह सब ग्रैमी अवार्ड के हकदार हैं। किसी एक को ग्रैमी अवार्ड मिलने का मतलब यह नहीं है कि बाकी लोग कम हैं। संगीत एक साधना है, जो एक दिन का काम नहीं है। इसे रोज करना पड़ता है। अगर आप अपने परिवार का ख्याल रखते हुए, रोज इस साधना को मेहनत से कर रहे हैं, तो मेरी नजरों में आप भी ग्रैमी अवार्ड जीत चुके हैं। कोई उस मंच तक पहुंच गया, कोई नहीं पहुंचा। हमारे देश में हर कोई मेहनत कर रहा है। मैं भी एक दिन ग्रैमी अवार्ड लेकर आऊंगा, लेकिन फिर अगला दिन मेरे लिए कुछ अलग नहीं होगा। मैं वैसे ही उठूंगा, जैसे रोज उठता हूं।
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