Mind-set of The Country: 9 राज्य और 9 चौंकाने वाले फैक्टर... कांग्रेस शासित राज्यों और क्षेत्रीय क्षत्रपों के इलाकों में BJP का प्रदर्शन कैसा?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि बीजेपी उन राज्यों में कैसा प्रदर्शन करती है, जहां कांग्रेस या फिर क्षत्रपों का कब्जा है. तीन राज्यों हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में कांग्रेस की सरकारें हैं. झारखंड में कांग्रेस झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) सरकार के साथ गठबंधन का हिस्सा है. इसके बाद दिल्ली और पंजाब जैसे राज्य हैं, जहां आम आदमी पार्टी (AAP) सत्ता में है. इसके बाद केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य हैं. जहां क्रमशः वामपंथी दल, DMK और तृणमूल कांग्रेस सत्ता में हैं.
9 राज्यों में सुधार पर होगा जोर
अगर आंध्र प्रदेश और ओडिशा को भूल भी जाएं, क्योंकि वहां होने वाली सियासी लड़ाई की प्रकृति अलग है, तब भी 9 राज्य ऐसे हैं. जहां BJP सत्ता में नहीं है. इन राज्यों में BJP के लिए लड़ाई इस बात को लेकर होगी कि वहां पार्टी अपनी संख्या में कितना सुधार कर सकती है. आइए देखते हैं कि इन राज्यों में भाजपा कैसा प्रदर्शन कर सकती है. हालांकि, यहां यह बात स्पष्ट कर दी जाए कि सभी आंकड़े सर्वे के रिजल्ट पर आधारित हैं. यह सर्वे 15 दिसंबर 2023 से लेकर 28 जनवरी 2024 के बीच किया गया है.
हिमाचल में दोहराएगी प्रदर्शन
सबसे पहले बात करते हैं पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश की. यहां बीजेपी के लिए कोई खास मुश्किल नजर नहीं आ रही है. हिमाचल प्रदेश में BJP सभी 4 लोकसभा सीटें जीत सकती है. ये आंकड़े चौंकाने वाले इसलिए नहीं है, क्योंकि पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भी चारों सीटें जीती थीं.
कर्नाटक में 3 सीटों का नुकसान
नवंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने बीजेपी से कर्नाटक राज्य छीन लिया. इस राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को 2019 की तुलना में 3 सीटें कम मिलेंगी. यहां NDA को 24 सीटें मिल सकती हैं. वहीं, INDIA ब्लॉक के खाते में 4 सीटें जा सकती हैं. यहां 2019 के मुकाबले INDIA ब्लॉक को 3 सीटों का फायदा होता दिख रहा है.
तेलंगाना में कांग्रेस को फायदा
कांग्रेस को सबसे बड़ा फायदा तेलंगाना में होता दिख रहा है. 2019 में यहां कांग्रेस ने तीन सीटें जीती थीं, जो इस चुनाव में बढ़कर 10 हो सकती हैं. BJP को तेलंगाना में एक सीट का नुकसान हो सकता है, पार्टी को यहां तीन सीटों से ही संतोष करना पड़ सकता है.
झारखंड में BJP को 12 सीटें
आदिवासी बहुल राज्य झारखंड की बात की जाए तो यहां झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की सरकार में कांग्रेस भी सहयोगी है. इस राज्य में सीटें 2019 की तरह ही रह सकती हैं. 56% वोट शेयर के साथ NDA यहां 12 लोकसभा सीटें बरकरार रख सकती है, जबकि विपक्षी गुट 2019 में मिली 2 सीटों को बरकरार रखता दिख रहा है. कुल मिलाकर, जिन चार राज्यों में कांग्रेस सत्ता में है. वहां बीजेपी की 4 सीटें कम होती दिख रही हैं.
तमिलनाडु और केरल में यथास्थिति
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) शासित इस राज्य में कांग्रेस भी सरकार का हिस्सा है. India and the DMK are involved. NDA के खाते में इस राज्य से एक भी सीट आती नहीं दिख रही है. हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में भी यही स्थिति थी. केरल में भी NDA को 2019 के लोकसभा चुनाव की तरह कोई सीट मिलने की संभावना नहीं है.
पश्चिम बंगाल में एक सीट का फायदा
ममता बनर्जी के शासन वाले पश्चिम बंगाल की बात की जाए तो यह ममता के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस का गढ़ है. यहां एनडीए को 19 सीटें मिलती दिख रही हैं. 2019 की तुलना में यहां BJP गठबंधन की एक सीट बढ़ सकती है. तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल मिलाकर तीन गैर कांग्रेसी राज्यों में बीजेपी को सिर्फ एक सीट की बढ़त मिलेगी.
दिल्ली और पंजाब में क्या होगा हाल
आम आदमी पार्टी (AAP) के शासन वाले दिल्ली और पंजाब में BJP के लिए यथास्थिति रह सकती है. बीजेपी के दिल्ली के किले में कोई सेंध नहीं लगने की उम्मीद है. हाल के विधानसभा चुनावों में दिल्ली की आम आदमी पार्टी की ओर झुकाव के बावजूद भाजपा सभी सात संसदीय सीटें बरकरार रख सकती है. पंजाब में भी बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनाव की तरह 2 सीटें मिल सकती हैं. हालांकि, AAP, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल को होने वाला नुकसान बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. हालांकि, AAP यहां बढ़त बना सकती है. 2019 में जीती गई एकमात्र सीट से बेहतर होकर यहां AAP पांच सीटें जीत सकती है.
BJP को 9 राज्यों में 3 सीटों का नुकसान
कुल मिलाकर बीजेपी को पश्चिम बंगाल में एक सीट का फायदा होगा. जबकि कर्नाटक में तीन और तेलंगाना में एक सीट गंवानी पड़ेगी. सभी 9 विपक्ष शासित राज्यों की संख्या को ध्यान में रखने के बाद, ऐसा लगता है कि भाजपा उन राज्यों में तीन सीटों से कम हो जाएगी.
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