ओला, रैपिडो से बाइक टैक्सी बुक करना लीगल या अवैध, सरकार ने कर दिया क्लीयर, दिल्ली-मुंबई में लगा था बैन
नई दिल्ली. ओला-उबर या रैपिडो से बाइक टैक्सी बुक करके ऑफिस आने-जाने वालों के लिए बड़ी खबर है. सड़क परिवहन मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि बाइक टैक्सी चलाना कानूनन सही है या अवैध. अभी तक इस मसले पर राज्यों के बीच काफी मतभेद थे. कुछ राज्य जहां बाइक टैक्सी चलाने की अनुमति देते थे, वहीं दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों में बाइक टैक्सी पर प्रतिबंध लगा था. लेकिन, अब मंत्रालय ने इस बारे में स्थिति साफ कर दी है.
सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने गुरुवार को राज्यों के लिए जारी एक गाइडलाइन में स्पष्ट किया है कि बाइक टैक्सी यानी मोटरसाइकिल भी मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत ‘कॉन्ट्रैक्ट कैरिज’ की परिभाषा में आती है. मोटर वाहन अधिनियम के मुताबिक, ‘कॉन्ट्रैक्ट कैरिज’ एक विशिष्ट समझौते के तहत यात्रियों को किराये पर ले जाने वाला वाहन है. मंत्रालय ने बाइक टैक्सी पर राज्यों को जारी परामर्श में कहा है कि कुछ राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश परमिट के लिए दाखिल अर्जियों पर कार्रवाई करते समय मोटरसाइकिल को ‘कॉन्ट्रैक्ट कैरिज’ होने को लेकर विचार कर रहे हैं.
अब बाइक टैक्सी हो गई लीगल
मंत्रालय ने कहा, ‘यह स्पष्ट किया जाता है कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 2(28) के अनुरूप 25 सीसी से अधिक इंजन क्षमता वाले चार पहियों से छोटे वाहन भी मोटर वाहनों की परिभाषा में आते हैं. इस लिहाज से ‘मोटरसाइकिल’ भी अधिनियम की धारा 2(7) के तहत इस दायरे में आती है.’ कॉन्ट्रैक्ट कैरिज समझौते का मतलब किसी रूट पर या उसके बगैर उस वाहन को दूरी या समय के आधार पर एक निश्चित कीमत पर किराये पर लेना है.
राज्यों को दिया स्पष्ट निर्देश
इस स्थिति में मंत्रालय ने सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दिया है कि वे मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप मोटरसाइकिलों के लिए कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट के आवेदन को स्वीकार करें और उन पर नियम के तहत कार्रवाई करें. अभी तक इस मामले में राज्यों के बीच तमाम तरह की भ्रांतियां थीं और सभी राज्य अपनी-अपनी तरह से अनुमति और प्रतिबंध लगा रहे थे.
कहां जारी और कहां लगा प्रतिबंध
वर्तमान में ओला, उबर और रैपिडो सहित तमाम स्टार्टअप बाइक टैक्सी की सुविधा दे रहे हैं. इस पर स्पष्ट नियम और कानून नहीं होने की वजह से राज्यों के बीच एकरूपता नहीं थी. गोवा, तेलंगाना, राजस्थान और यूपी जैसे राज्य जहां बाइक टैक्सी को मंजूरी देते हैं, वहीं दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों में बाइक टैक्सी पर प्रतिबंध लगा था. कर्नाटक जैसे राज्य ने पेट्रोल बाइक को टैक्सी के रूप में चलाने की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन ई-बाइक को टैक्सी के रूप में चलाने की परमिट है. इसी तरह, कुछ राज्यों में बाइक टैक्सी के लिए पीले नंबर प्लेट को लगाना भी अनिवार्य कर दिया गया है.
देश में कितनी बाइक
केंद्र सरकार के आंकड़ों पर नजर डालें तो देश में अभी करीब 36 करोड़ वाहन हैं, जिसमें से 26 करोड़ दोपहिया वाहनों की संख्या है. सरकार के इस फैसले पर बाइक टैक्सी चलाने वाली कंपनियों ने खुशी जताई. रैपिडो के प्रवक्ता ने कहा, बाइक टैक्सी को लीगल किए जाने का फायदा आम आदमी को सबसे ज्यादा होगा. इससे सफर करने वालों को सस्ता विकल्प तो मिलेगा ही, लोगों को पैसे कमाने के भी नए ऑप्शन मिलेंगे. बाइक टैक्सी की सुविधा देने वाले स्टार्टअप बाउंस (Skip) के को-फाउंडर का कहना है कि कई राज्यों ने बाइक टैक्सी की अनुमति नहीं दी थी. लेकिन, अब इसका रास्ता साफ हो गया है.
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